अपनी शुद्धता से थकी हुई एक आकर्षक नन अपने पहले साथी के सामने घुटने टेकती है। वह उत्सुकता से उसे अपने मुँह से प्रसन्न करती है, कुशलता से उसे अंदर लेती है। उनकी गहन मुठभेड़ बढ़ती जाती है, जिसका समापन एक भावुक चरमोत्कर्ष में होता है।